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Friday, December 10, 2010

RAKTRANJEET BHARAT

आह से कराह तक की पीड़ा की दास्ताँ न जाने कहाँ जाकर खत्म होगी बनारस की घटना दिलो को न सिर्फ दहलाती है बल्कि  हमारे  सिस्टम पर अनेक सवाल खड़ा करती है की देश का दर्द बड़ा है या माया और सोनिया का रुतबा?