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वास्तव में यह पुस्तक आपकी साहित्य साधना की सिद्धि है ,परकाया प्रवेश हो गया है | कबीर की कविता परस्पर संवाद में लिखी गयी है , जिसके लिए आल...
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अपने नन्हे - नन्हे क़दमों से भारत में ठण्ड ने दस्तक दे दी है .आप सबो को सर्दी की शुभकामना . रजाई से मुह निकालकर सुबह सबेरे ज्योही अख़बार देखा...
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बच्चों में बचपन, जवानों में यौवन,सीसे में दर्पण ,जीवन में सावन ,गावं में अखाड़ा ,शहर में सिंघाड़ा ,टेबल कि जगह पहाडा और पजामे में नाड़ा, ढूढ...
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आज बहुत बार देखे हुआ दृश्य याद आ रहा है |बगुले को खुद के पंखो में सिकुड़ते हुए ;कुते को फुटपाथ पर भिखारी की गोद में लिपटकर सोते हुआ...
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आतंकवाद ,नियति बन चुका है| हर रोज किसी न किसी शहर में धमाके की खबर सुनाई देती है साथ ही बाकि शहरों में रेड अलर्ट iकिया जाता है और दुसरे दिन ...
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राहुल गाँधी का बयां की मुस्लिम आतंकबाद से ज्यादा खतरा हिन्दू कट्टरबाद से है क्या यह राजनीतिक तुष्टिकरण नहीं है , राहुल जी कट्टरता को हिन्दू...
Friday, December 24, 2010
आगामी सदी में ...
बच्चों में बचपन, जवानों में यौवन,सीसे में दर्पण ,जीवन में सावन ,गावं में अखाड़ा ,शहर में सिंघाड़ा ,टेबल कि जगह पहाडा और पजामे में नाड़ा, ढूढ़ते रह जाओंगे| आँखों में पानी दादी कि कहानी ,प्यार के दो पल ,नल में जल ,घर में मेहमान ,मनुष्यता का सम्मान ,पड़ोस कि पहचान ,ब्रज का फाग ,तराजू में बट्टा और लडकियों का दुप्पट्टा ,ढूढ़ते रह जाओंगे | भरत सा भाई ,चूड़ी भरी कलाई ,शादी में शहनाई ,मंच पर कविताई ,गरीब कि खोली ,भौजी कि ठिठोली ,आंगन में रंगोली ,परोपकारी बन्दे और अर्थी को कंधे ,ढूढ़ते रह जाओंगे | गाता हुआ गावं .पनघट कि छावं ,किसानो का हल ,मेहनत का फल ,मेहमान कि आस ,छाछ का गिलाश , घूँघट कि ओट और थरथराते होठ ,पहलवान कि लंगोट ,ढूढ़ते रह जाओंगे | आपस में प्यार ,सयुंक्त परिवार ,बात- चीत का रिवाज दोस्ती में लिहाज ,सड़क किनारे प्याऊ ,संबोधन में ताऊ,दो रुपये उधार सरकारी अस्पताल , और नेता ईमानदार ढूढ़ते रह जाओंगे |
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